Pinaka times, Faridabad; 08th january : प्रदेश के 15 जिलों के 1305 चावल मिलों में से करीब 900 चावल मिलों में धान कम मिला है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग अब इन चावल मिलों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा, ताकि कम धान मिलने के कारणों का पता लगाया जा सके। इसके लिए चावल मिल मालिकों को निर्धारित समय सीमा में जवाब देना होगा।
यदि जवाब नहीं दिया गया तो विभाग कार्रवाई करेगा। यही नहीं विभाग के जिन कर्मचारियों, अधिकारियों ने इस मामले में कोताही बरती है तो उनके खिलाफ भी विभाग कार्रवाई करेगा। फिलहाल सबसे पहले विभाग मिल मालिकों के जवाब मांगेगा, ताकि असलियत का पता चल सके। गौरतलब है कि बीते दिनों विभाग ने प्रदेश के 15 जिलों के इन चावल मिलों में फिजिकल वेरीफिकेशन कराने का निर्णय लिया था।
हरियाणा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि 1305 चावल मिलों में से करीब 900 चावल मिल ऐसे हैं जिनमें कम धान मिला है। 40 हजार टन से अधिक धान कम मिलने पर 900 चावल मिलोें के मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे। इनसे जवाब मांगा जाएगा कि धान कम क्यों मिला है और इसके कारण क्या हैं।
40 हजार टन धान कम मिलने की हुई थी पुष्टि
विभागीय अधिकारियों के अनुसार पिछले दिनों विभाग की सैकड़ों टीमों ने प्रदेशभर के चावल मिलों में फिजिकल वेरीफिकेशन की थी, इसमें करीब 40 हजार टन धान कम मिलने की पुष्टि हुई थी। विभाग ने अपनी रिपोर्ट अब तैयार कर ली है और विभाग के अधिकारी हर जिले में इन चावल मिलों को नोटिस जारी करेंगे, जिनके यहां धान कम मिला है। चावल मिल मालिकों को बताना होगा कि उनके यहां धान कम क्यों मिला है और इसका क्या कारण रहा।
आज कंप्लीट होगी रिपोर्ट
जिन चावल मिलों में धान कम मिला है, उनकी कंप्लीट रिपोर्ट खाद्य एवं अापूर्ति विभाग ने तैयार करा ली है। इसे विभाग के आला अधिकारियों को टीमें आज सौंप देंगी। अब तक की जानकारी के अनुसार करीब 40 हजार टन धान कम मिला है और जिलावार चावल मिलों की सूची तैयार की जा रही है। सभी चावल मिल मालिकों को एक साथ नोटिस जारी किए जाएंगे। इन नोटिसों का जवाब देना होगा।
10 दिन का दिया गया था समय
सभी चावल मिलों में फिजिकल वेरीफिकेशन से ठीक पहले सरकार ने चावल मिल मालिकों को 10 दिन का समय दिया था, ताकि वे अपने यहां धान का स्टॉक पूरा कर सकें। इस बीच भी कुछ ऐसे चावल मिल मिले हैं, जहां पर धान पूरा नहीं मिला है। ऐसे में चावल मिल मालिकों से जवाब मांगा जा रहा है। इस संदर्भ में चावल मिल मालिकों ने पहले ही सीएम व डिप्टी सीएम से मुलाकात भी की थी।
ये है मामला
धान सीजन के दौरान कई किसानों व विपक्षी नेताओं ने धान खरीद पर सवाल उठाए थे। आरोप थे कि किसानों का धान तो खरीदा नहीं गया, जबकि कागजों में धान पूरा खरीद लिया गया। अबकी बार करीब 65 लाख टन से अधिक धान की खरीद हुई थी। ऐसे में कई चावल मिलों पर आरोप लगे थे कि केवल कागजी कार्रवाई पूरी कर धान खरीद दिया गया गया है।
विपक्ष ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग तक की थी। लेकिन सरकार ने फिजिकल वेरीफिकेशन कराने को आदेश जारी किए थे। प्रदेशभर के करीब 1305 चावल मिलों में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीमों ने जांच की थी। इस जांच में 40 हजार टन से अधिक धान की कमी सामने आई थी।